Why Are You Fixated on Just One Hue?


तुम मुझसे इतने ख़फ़ा क्यूँ हो

मैं तो तुम्हारा ही एक भिन्न रूप हूँ

इस जीवन की एक्रस्ता दूर करता

ग़ौर से देखो तुम्हारा ही प्रतिरूप हूँ

अलग सोच, विचार  अलग, आहार भिन्न   

हो सकता है थोड़ा अलग व्यक्तित्व हूँ

डरता तो नहीं पर सोचने को मजबूर

इंसान की ऐसी इंसानियत से आहत ज़रूर हूँ

मुझे तो हर रंग से सराबोर बसंत बेहद पसंद है

तुम एक ही रंग के क़ायल  क्यूँ हो

मुझे तो कई सुरों से सजे राग पसंद हैं

तुम विविधता से इतने नाराज़ क्यूँ हो

मेरा सच मेरी अपनी ज़िंदगी और अनुभव हैं

इस बात से तुम इतने अनजान क्यूँ हो 

बोलो तुम मुझसे इतने ख़फ़ा क्यूँ हो