चलो इश्क़ को बयान करते हैं
एक मुश्किल काम आसान करते हैं
तुम एक ज़िंदगी जी रहे हो
मैं अपनी महसूस कर रहा हूँ
तुम अपने आवरण से निकलो
मैं अपना अस्तित्व छोड़ रहा हूँ
स्वयं को भूलकर आगे बढ़ते है
एक नया व्यक्तित्व ओढ़ लेते है
मेरी तुमसे और तुम्हारी मुझसे
एक नयी पहचान बना लेते हैं
उन मिल गई धाराओं की तरह
जो संगम के बाद बहती है
है मुश्किल पर इश्क़ की
कुछ ऐसी ही कहानी रहती है
दोनों की एक नयी पहचान बनी
या और आगे हद को पार किया
जो ख़ुद को उसमे भुला दिया
तो अपने इश्क़ को रूहानी बना दिया