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Unlocking Emotions

भावनाओं का विस्तार

Welcome to “Unlocking Emotions ,” a collection of poetry that seeks to capture the myriad emotions, experiences, and moments that shape the human journey. Within these pages, you will embark on a voyage through the landscapes of the heart and mind, where words dance and emotions sing in verse.

भावनाओं का विस्तार” कविता संग्रह आपको सादर समर्पित है। इसकी कविताओं में कवि ने विविध भावनाओं और अनुभूतियों को बेहद ख़ूबसूरती से पेश किया है। अलग अलग रंगों से रंगी इसकी कविताएँ मन की गहराइयों को छूने का प्रयास करती है। ये कविता संग्रह कल्पना, संजीदगी और वास्तित्वता का अद्भुत समन्वय है जिसकी कविताएँ ना सिर्फ़ मन को आनंदित करती हैं बल्कि चेतना को जागृत कर बहुत कुछ सोचने को भी विवश कर देती हैं। 

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This collection of 30 poems convey a range of emotions, feelings, views, reflections which we all go through but may not express openly. Each Hindi poem has its English translation and a sketch to complement it.

Poetry, as an art form, has a unique ability to distil the essence of our existence into its purest form. It speaks in whispers and screams, painting vivid portraits of our joys, sorrows, dreams, and fears. In each poem, we find a reflection of ourselves, a mirror that illuminates the complexities of our innermost selves.

In this first collection of Hindi poems by Anup Kapoor, you will encounter a tapestry of themes woven with threads of love, loss, hope, resilience, and the timeless quest for meaning. From the delicate petals of romance to the rugged terrain of introspection, these poems invite you to explore the full spectrum of human experience.

As you journey through “Unlocking Emotions ,” may you find resonance in these verses, may you discover echoes of your own soul reflected in the lines, and may you be inspired to delve deeper into the rich tapestry of life. For in the silence between the words, in the spaces where meaning unfurls, lies the true magic of poetry—the ability to touch hearts, stir souls, and leave an indelible imprint on the human spirit.

Throughout the pages of this book, you will find sketches that accompany the poems, enriching your reading experience with visual interpretations. These sketches complement the themes and emotions expressed in the poetry, offering another layer of depth and understanding. From intricate illustrations capturing moments of love and loss to abstract representations of inner turmoil, these sketches enhance the journey of unlocking

2018 की बात है l मैं स्मरण कर पा रहा हूं निरंतरता में तीन घटनाएं हुई l

सर्वप्रथम मेरी पत्नी अमिता ने एक दिन मुझसे कहा अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति पेन के माध्यम से करने के लिए l क्योंकि उनको पता था कि मेरा हृदय संवेदनशील है तथा उसमें काव्य के लिए उर्वर भूमि है l किंतु मैं सदैव अपनी भावनाओं को प्रकट करने में  हिचकिचाता रहा हूं l 

यह वार्तालाप तब हुआ l जब हम नोएडा एन.सी.आर. दिल्ली की एक सुंदर कॉलोनी में अपने नए घर में प्रविष्ट हुए l 

एक सुखद संयोग के रूप में एक संध्या काल में कुछ काव्य  प्रेमी एकत्र हुए और एक काव्य समूह का गठन किया गया l जिसका नाम रखा गया 

“अदब- ए – प्रिसटीन “l

उस बैठक में हम सब ने यह सामूहिक निर्णय किया कि प्रत्येक माह में हमारी एक बैठक होगी और तब से लेकर आज तक हमने उस परंपरा का निर्वहन निरंतरता में किया है l

मैंने इस प्रतिष्ठित समूह में कम से कम दो कविताओं का लेखन और उनका वाचन हर माह करने का निश्चय किया l

जब इस प्रक्रिया में कुछ गति आ रही थी l उसी समय मेरी कंपनी ने “विश्वसनीय नेतृत्व” के ऊपर एक कार्यशाला का आयोजन किया l इस बैठक में कार्यशाला के प्रमुख ने मुझे अप्रत्याशित रूप से मंच पर आमंत्रित किया अपनी कविताओं का वाचन करने के लिए l उन्हें मेरे सहयोगियों से मेरे काव्य प्रेम के विषय में कुछ जानकारी प्राप्त हो चुकी थी l उस कक्ष में उपस्थित मेरे सहयोगियों से मुझे आश्चर्यजनक सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई l

मेरी इस काव्य यात्रा की निरंतरता बनी रही और मैंने यथासंभव लेखन की निरंतरता को बनाए रखते हुए विभिन्न स्थान पर उनका वाचन जारी रखा l

 इसी दौरान मुझे अपने मित्रों, संबंधित कवियों और परिवार से अपनी कविताओं को संकलित करके उन्हें पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने का सुझाव प्राप्त हुआ l

बहुत महीनो तक तक विचार करने के उपरांत मुझे लगा कि एक वृहद पाठक वर्ग के लिए यह कार्य किया जाना आवश्यक है l 

अत: मैंने   अपनी कविताओं के संग्रह को प्रकाशित करने का निर्णय किया l

 किंतु मेरे मन में अभी भी कुछ संशय सा था l तो मैंने अपने दो अत्यंत महत्वपूर्ण सहयोगियों के साथ इस संदर्भ में कुछ सहयोग प्राप्त करने के विषय में सोचा l उनमें से एक हैं 

श्री मनोज नायर l यह जापानी पद्य लेखन हाइकु के विशेषज्ञ हैं l

तथा दूसरी है यू.एन. मालथी l जिन्हें अपनी भावनाओं को रेखा चित्रों के माध्यम से प्रकट करने में महारत हासिल है l

 पारस्परिक रूप से कुछ बैठक करने के उपरांत हमने यह निर्णय किया कि मेरी हिंदी काव्य रचनाओं का अंग्रेज़ी अनुवाद भी होना चाहिए जो श्री मनोज के द्वारा किया जाएगा तथा सुश्री मालथी जी के रेखा चित्रों के द्वारा समर्थित होगा l

पुस्तक का नाम है 

“भावनाओं का विस्तार”

इसका इंग्लिश नाम है l

“UNLOCKING EMOTIONS”

जो हमारे पारस्परिक सहयोग का सुंदर परिणाम है l

मैं अपनी दो मेधावी पुत्री इशिता एवं भव्या तथा बौद्धिक बल से संयुक्त मेरी दो भतीजियों पावकी और सुरम्या को भी धन्यवाद देना चाहता 

हूं l क्योंकि उन्होंने अपने सहयोग से और अपने आलोचनात्मक दृष्टिकोण से मेरी कविताओं को अधिक परिपक्व बनाने में मदद की है l

अदब – ए – प्रिसटीन के मेरे सहयोगी कवियों के द्वारा की गई प्रशंसा और उनके द्वारा प्रकट किए गए स्नेह से मैं सदैव प्रेरित रहा नवीन भावनाओं के विस्तार के लिए और उन शब्दों के लिए जिनके माध्यम से मैं अपने काव्य को स्वरूप प्रदान कर सकूं l

मेरी कविताएं मेरे भीतर से प्रकट होने वाले वाली ईमानदार और पारदर्शी भावनाओं को ही अभिव्यक्त करती हैं l इससे मुझे आंतरिक रूप से ऊर्जा की प्राप्ति होती है l

मैं अपने परिवार के सदस्यों, मित्रों और कार्य क्षेत्र के सहयोगियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मुझे मानसिक और भावनात्मक रूप से सदैव समर्थन प्रदान किया l और इसके साथ ही साथ में अपने गृह नगर इलाहाबाद जो अब प्रयागराज है , को भी स्मरण करना चाहता हूं तथा मैंने बौद्धिक स्तर पर जो कुछ प्राप्त किया उसमें इस नगर का भी योगदान है, जो ज्ञान एवं भक्ति का वास्तविक संगम है तथा जहां पर बौद्धिक और दार्शनिक विमर्श वायु में संचारित होते हुए दिखाई देते हैं और हां वहां की गलियों ,वहां की चाय की दुकानों मे भी l 

मैं जब स्मरण करता हूं तब मुझे अपनी यात्रा के अत्यंत लंबा होने की अनुभूति होती है l आठ स्कूल – कॉलेज से गुजरता हुआ , 6 कंपनियों में कार्य करता हुआ, 12 शहरों में घूमता हुआ तथा बहुसंख्यक कार्य से संबंधित विदेश की यात्राओं ने मुझे अधिक सहिष्णु बनाया है और विभिन्न संस्कृतियों और धर्म के प्रति मेरे भाव को अधिक सहज बनाते हुए उनके प्रति सम्मान का प्रदर्शन करने का भी भाव उत्पन्न किया है l 

मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह मुझे ज्ञान प्रदान करें तथा सब के प्रति बिना किसी शर्त के प्रेम का भाव भी प्रदान करें l

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